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धूमधाम से निकली किलेश्वर महादेव की शाही सवारी,राजसी रथ में विराजे भोलेनाथ,हर मोड़ पर हुआ भव्य स्वागत

Mahendra Upadhyay
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नीमच। महेंद्र उपाध्याय।सावन मास के अंतिम सोमवार को नीमच शहर भोलेबाबा की भक्ति में डूब गया। महाकाल के नाम से विख्यात श्री किलेश्वर महादेव मंदिर से सोमवार शाम भगवान भोलेनाथ की भव्य शाही सवारी गगनभेदी जयकारों के बीच नगर भ्रमण पर निकली। राजसी रथ में विराजे भगवान शिव का नगर भ्रमण शहरवासियों के लिए आस्था, भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम बन गया।शाही सवारी की शुरुआत शाम 5 बजे श्री किलेश्वर महादेव मंदिर परिसर से हुई। इससे पहले मंदिर में भोलेनाथ का विशेष पूजन और महाआरती का आयोजन किया गया। यह पूजन युवा समाजसेवी अरुल अशोक अरोरा (गंगानगर) द्वारा श्रद्धापूर्वक किया गया, जिन्होंने समिति के साथ शाही सवारी का विधिवत शुभारंभ किया।राजसी रथ में श्रृंगारित रूप में विराजे भगवान भोलेनाथ के साथ विशाल नंदी की झांकी, झांस डमरू पार्टी, राधा-कृष्ण, बाहुबली हनुमान, अघोरी बाबा, नरमुंड श्रृंगार, आदिवासी लोक नृत्य दल, विद्युत सज्जित झांकियां और रंग-बिरंगी आतिशबाजी सवारी में विशेष आकर्षण रहे। ढोल-नगाड़ों और डमरुओं की गूंज के बीच भोलेनाथ की जयकारों से शहर के गली-मोहल्ले गुंजायमान हो उठे।सवारी जैसे-जैसे मार्गों पर बढ़ी, जगह-जगह श्रद्धालुओं और विभिन्न समाजसेवी संगठनों ने पुष्पवर्षा कर, स्वागत द्वार सजाकर, आरती उतारकर भव्य स्वागत किया। हर वर्ग, हर समुदाय ने भागीदारी निभाई और अपनी श्रद्धा व्यक्त की। महिलाओं, युवाओं और बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला।शाही सवारी किलेश्वर महादेव मंदिर परिसर से प्रारंभ होकर रेलवे स्टेशन,चौकन्ना बालाजी, अग्रसेन वाटिका, तिलक मार्ग, बारादरी फव्वारा चौक, कमल चौक, टैगोर मार्ग होते हुए सीआरपीएफ रोड से वापस मंदिर परिसर लौटी। पूरा मार्ग भक्ति और उल्लास से सराबोर रहा।पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। यातायात नियंत्रण, मार्ग व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस बल मुस्तैद रहा, जिससे आयोजन शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हुआ।सावन मास की यह अंतिम सोमवारी, भगवान शंकर की दिव्य सवारी के रूप में शहरवासियों के लिए एक अविस्मरणीय अध्यात्मिक अनुभव लेकर आई।श्रद्धालुओं का कहना था कि इस वर्ष की सवारी पहले से भी अधिक भव्य, सुनियोजित और भक्ति से परिपूर्ण रही।

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