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ग्राम पंचायत मोड़ी में रिकॉर्ड घोटाला: भूखंड विवाद से हुई थी हिंसक घटना,उपसरपंच ने की जांच की मांग

Mahendra Upadhyay
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नीमच। महेन्द्र उपाध्याय।ग्राम पंचायत मोड़ी, तहसील जावद,जिला नीमच में गंभीर प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।उपसरपंच कारूलाल राठौर ने जिला पंचायत कार्यालय में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत के वर्ष 1995 से 2012 तक के समस्त शासकीय रिकॉर्ड संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए हैं। इसमें भूखंड पट्टे, प्रस्ताव रजिस्टर, नक्शे, लेआउट, उपस्थिति पंजी सहित आवश्यक सार्वजनिक अभिलेख शामिल हैं।उपसरपंच के अनुसार, इन दस्तावेजों के अभाव में भूखंड विवादों की संख्या बढ़ी है और यह मामला न्यायालयों तक पहुँच चुका है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में दर्ज प्रकरण क्रमांक 0035/बी 121/2020-21 में न्यायालय द्वारा पंचायत सचिव को समस्त रिकॉर्ड सहित तलब किया गया था, परंतु पंचायत द्वारा कूटरचित उत्तर प्रस्तुत किया गया। यही नहीं, 2022 में भूखंड विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें एक व्यक्ति की हत्या हो गई। हैरानी की बात यह रही कि विवादित भूमि को लेकर दोनों पक्षों के पास अलग-अलग वर्षों में जारी पट्टे थे, जबकि पंचायत रिकॉर्ड में उन पट्टों का कोई उल्लेख नहीं है।कारूलाल राठौर का आरोप है कि इस पूरे मामले में सुनियोजित तरीके से दस्तावेजों को गायब किया गया है जिससे भूमाफियाओं को फायदा पहुंचाया जा सके। विकास कार्यों की इमारतें भी जमींदोज कर अवैध कब्जे कर लिए गए हैं, लेकिन पंचायत अब कोई कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि उसके पास मूल दस्तावेज ही नहीं हैं।उन्होंने मांग की है कि वर्ष 1995 से 2012 तक के समस्त पंचायत अभिलेखों की स्वतंत्र जांच करवाई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। साथ ही, गायब रिकॉर्ड को पुनः सार्वजनिक रिकॉर्ड से पुनर्स्थापित किया जाए ताकि भविष्य में ग्राम पंचायत की पारदर्शिता एवं जनहित सुनिश्चित किया जा सके।यह मामला न सिर्फ ग्राम पंचायत मोड़ी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के बीच प्रशासन के प्रति गहरा अविश्वास भी उजागर करता है। उपसरपंच ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन की राह अपनाने को मजबूर होंगे।यही नही उपसरपंच कारू लाल इस मामले को विगत 4 वर्षों से उठा रहे हैं परंतु अब तक जिम्मेदारों ने इस और विशेष ध्यान नहीं दिया है जिस कारण से उनकी कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

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