नीमच। महेंद्र उपाध्याय।जिला मुख्यालय स्थित जनसुनवाई कार्यक्रम में उस समय हड़कंप मच गया जब ग्राम चेनपुरा खदान निवासी एक महिला हाथ में जहर की शीशी लेकर पहुंची और धरने पर बैठ गई। महिला का आरोप है कि गांव के ही कुछ लोगों द्वारा उसके आवागमन के रास्ते को बंद कर दिया गया है और पिछले दो वर्षों से लगातार शिकायतों के बावजूद न तो कोई सुनवाई हुई और न ही कोई समाधान निकाला गया। महिला ने चेतावनी दी कि यदि न्याय नहीं मिला तो वह आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर होगी।ग्राम चेनपुरा की रहने वाली अन्नुकंवर पति गोर्धनसिंह मंगलवार 1 जुलाई को नीमच कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में हाथ में कीटनाशक की शीशी लेकर पहुंची। अन्नुकंवर ने सागर मंथन को बताया कि 2022 से लगातार जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से शिकायत कर रही हूं, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उसने बताया कि गांव के ही कुछ लोगों ने शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण कर उसके घर के रास्ते को जाम कर दिया है। न तो वह अपनी ज़मीन पर ठीक से आ-जा सकती है और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी उसकी फरियाद सुनने को तैयार है।जनसुनवाई स्थल पर अन्नुकंवर ने धरने पर बैठते हुए कहा, “मैं बहुत परेशान हो गई हूं, सब जगह गुहार लगाई, लेकिन कोई अधिकारी सुन नहीं रहा। अगर अब भी मेरी बात नहीं सुनी गई तो मैं यहीं पर जहर पीकर आत्महत्या कर लूंगी।”मामले की जानकारी मिलते ही नीमच एसडीएम संजीव साहू, तहसीलदार और नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और महिला को समझाइश देकर तहसील कार्यालय ले गए।अधिकारियों ने उसे आश्वस्त किया कि मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।इस पूरे घटनाक्रम को लेकर एसडीएम संजीव साहू ने सागर मंथन से कहा कि, “दोनों पक्षों की शिकायतें हमारे पास पहुंची हैं। जांच में यह पाया गया कि दोनों पक्षों ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया है। हम दोनों को समझाइश देकर एक समाधान निकालने का प्रयास करेंगे ताकि ऐसी स्थिति फिर उत्पन्न न हो।”यह घटना प्रशासन की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है कि एक महिला को न्याय पाने के लिए आत्महत्या की चेतावनी तक देनी पड़ी। यह साफ है कि अगर समय रहते प्रशासन ने उचित सुनवाई की होती, तो शायद यह स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती।