नीमच।|महेन्द्र उपाध्याय जिला अस्पताल नीमच के मेटरनिटी वार्ड में एक बार फिर नर्सिंग स्टाफ की बदसलूकी का मामला सामने आया है। आरोप है कि नर्स नसीम बानो ने वार्ड में भर्ती महिला मरीज और उसके परिजनों के साथ अभद्रता की और मरीज के पति पर हाथ उठाने का प्रयास किया। मामला तूल पकड़ते ही मौके पर हंगामा हो गया और सिविल सर्जन डॉ. महेंद्र पाटील को हस्तक्षेप कर स्थिति शांत करनी पड़ी।घटना 29 जून रविवार को सामने आई जब मितेश अहीर नामक युवक अपनी पत्नी कुसुम अहीर और नवजात बालिका की देखरेख हेतु मेटरनिटी वार्ड में मौजूद था। मितेश ने सागर मंथन को बताया कि उसकी माता भोजन लेने गई थीं, ऐसे में वह पत्नी और बच्ची की देखरेख कर रहा था। तभी नर्स नसीम बानो ने उसे बाहर जाने को कहा। मितेश ने कुछ समय रुकने की बात कही, लेकिन नर्स ने कथित रूप से गाली-गलौच करते हुए उसके साथ दुर्व्यवहार किया और हाथ उठाने का प्रयास किया। इस घटना को लेकर वार्ड में काफी हंगामा हुआ।इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. महेंद्र पाटील ने कहा कि मेटरनिटी वार्ड में पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित है और नर्स द्वारा मितेश अहीर को बाहर जाने के लिए कहा गया था। उन्होंने विवाद से इनकार करते हुए कहा कि स्थिति की जांच कर दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।हालांकि इस घटना ने अस्पताल की व्यवस्था और नियमों के पालन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मेटरनिटी वार्ड में पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित होने के बावजूद आए दिन बाहर के लोग ओर निजी संस्थाओं के सदस्य बेधड़क अंदर आते हैं,जिससे जच्चा-बच्चा को संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। स्वयं सिविल सर्जन ने स्वीकार किया है कि बाहरी लोगों के कारण संक्रमण का खतरा और स्टाफ को उपचार में दिक्कतें आती हैं।इस बीच, सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजित ‘बेटी जन्म पर माता सम्मान कार्यक्रम’ भी सवालों के घेरे में हैं, जिनमें पुरुष सदस्यों को वार्ड में बेरोकटोक प्रवेश मिलता है और नवजात को हाथ में उठाकर फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर प्रचार किया जाता है। ऐसे आयोजनों से भी संक्रमण का खतरा बढ़ता है और यह नियमों का खुला उल्लंघन है।स्वास्थ्य सुरक्षा और नियमों के सख्त पालन को लेकर अब यह मांग जोर पकड़ने लगी है कि मेटरनिटी वार्ड में पुरुषों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जाए। साथ ही, ऐसी संस्थाओं को भी निर्देशित किया जाए कि किसी भी आयोजन के नाम पर वार्ड की मर्यादा और नियमों का उल्लंघन न किया जाए।जनस्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों और जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जाएं, स्टाफ के व्यवहार की निगरानी की जाए और संक्रमण से बचाव के लिए कठोर नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए।