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चेंज बिफोर क्लाइमेट चेंज का संदेश लेकर निकले सुबोध विजय,पहुंचे नीमच 1 लाख किलोमीटर की यात्रा तय कर पहुचेंगे माउंट एवरेस्ट

Mahendra Upadhyay
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नीमच।महेन्द्र उपाध्याय।पर्यावरण संरक्षण के संदेश को लेकर रायगढ़ (महाराष्ट्र) के युवा माउंटेन क्लाइंबर सुबोध विजय की साइकिल यात्रा ने आज नीमच में दस्तक दी।सागर मंथन
चेंज बिफोर क्लाइमेट चेंज का संदेश के प्रेरणास्पद उद्देश्य के साथ निकली यह यात्रा एक साल पूरा कर चुकी है। इस मौके पर सुबोध ने नीमच में पौधारोपण कर लोगों को पर्यावरण जागरूकता का संदेश दिया।इस अवसर पर विधायक दिलीपसिंह परिहार, नगरपालिका अध्यक्ष स्वाति चोपड़ा, संत सुरेशानंद जी शास्त्री सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने सुबोध की इस पहल की सराहना की और युवाओं से उनके अभियान से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।सुबोध विजय ने अपनी यह अनोखी यात्रा 19 जून 2024 को छत्रपति शिवाजी महाराज के आशीर्वाद से रायगढ़ पोर्ट से शुरू की थी। यह यात्रा वर्ष 2027 में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के साथ समाप्त होगी। अब तक वह 8 राज्यों की यात्रा कर चुके हैं, और हर राज्य में वे पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्लांटेशन ड्राइव, जागरूकता सत्र और युवाओं के संवाद कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।इस दौरान वे हर राज्य की मिट्टी एकत्रित कर रहे हैं, जिससे वे भगवान शिव की एक मूर्ति बनाएंगे। यह विशेष मूर्ति उनके साथ माउंट एवरेस्ट तक पहुंचेगी, जो इस अभियान का प्रतीक बन जाएगी।सुबोध ने सागर मंथन को बताया कि उनका उद्देश्य केवल पर्वतारोहण करना नहीं है, बल्कि देशभर में पर्यावरण संरक्षण और जलवायु चेतना को बढ़ावा देना है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए अभियानों जैसे ‘देखो अपना देश’ और ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ को भी जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। वे युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने तथा देश की विविधता को जानने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।अब वे मध्यप्रदेश में प्रवेश कर चुके हैं, जहां वे हर जिले में पौधारोपण और जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे। नीमच में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय लोगों ने उनके इस प्रयास में सक्रिय सहयोग दिया।सुबोध विजय का यह अभियान अब एक यात्रा से आगे बढ़कर एक जन आंदोलन बनता जा रहा है, जो न केवल पर्यावरण रक्षा की अलख जगा रहा है, बल्कि युवाओं में चेतना, जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत कर रहा है।उनकी यह पहल आने वाले समय में न केवल एवरेस्ट की ऊंचाइयों को छूने की है, बल्कि देश के हर युवा के हृदय को भी प्रेरणा देने की दिशा में एक कदम है।

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