नीमच।महेन्द्र उपाध्याय।ग्राम पंचायत कुचड़ोद जनपद पंचायत नीमच की निर्वाचित सरपंच शान्तीबाई मेघवाल द्वारा कलेक्टर नीमच को एक शिकायत प्रस्तुत की गई है, जिसमें 5 जून 2025 को उनके विरुद्ध पारित अविश्वास प्रस्ताव को विधि और प्रक्रिया के विपरीत बताया गया है। इस विवाद को मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 21(4) के अंतर्गत न्यायालय कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।आवेदक पक्ष ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही में अधिनियम की धारा 21(2) के अनुसार सरपंच को मतदान और अपनी बात रखने का पूरा अधिकार होता है। लेकिन 5 जून को आयोजित बैठक में सरपंच के प्रतिनिधि दुर्गाशंकर मेघवाल, जो स्वयं उनकी ओर से उपस्थित थे, को मतदान नहीं करने दिया गया। अधिकारियों द्वारा सरपंच को मतदान से वंचित करना गंभीर अनियमितता है।दुर्गाशंकर मेघवाल ने सागर मंथन को बताया कि अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष को 14 मत मिले जबकि उन्हें 4 मत प्राप्त हुए। यदि सरपंच को उनका वैध मत डालने दिया जाता तो मतों का अंतर घटता और परिणाम प्रभावित हो सकता था। इस प्रकार मतदान प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर निष्पक्षता को आघात पहुँचाया गया।ग्राम पंचायत कनावटी के पूर्व सरपंच मुरारीलाल वर्मा ने भी शान्तीबाई के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि पंचायत अधिनियम के तहत सरपंच को भी वोट डालने का अधिकार होता है, किंतु कुचड़ोद में अधिकारियों द्वारा इस अधिकार को रोका गया, जो नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने भी दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।इस पूरे मामले में कलेक्टर से संकल्प को अपास्त घोषित करने और दोषी अधिकारियों पर विधि अनुसार कार्रवाई की मांग की गई है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर शिकायत पर क्या कदम उठाता है।