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ग्राम रोजगार सहायकों ने दी आंदोलन की चेतावनी, 15 दिन का अल्टीमेटम सहित प्रशासन को सौंपा मांग पत्र

Mahendra Upadhyay
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नीमच।महेन्द्र उपाध्याय।प्रदेश भर में ग्राम रोजगार सहायक पिछले 15 वर्षों से पंचायत स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके बावजूद, वर्तमान में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा केवल ग्राम रोजगार सहायकों को ही टारगेट कर मनमानी कार्यवाहियां की जा रही हैं। इनमें पद से पृथक करना, मानदेय रोकना और बिना सुनवाई के दंडात्मक कार्रवाइयां शामिल हैं। सागर मंथन कटनी और रीवा जिलों में इसके ताजा उदाहरण देखे गए हैं। इसको लेकर ग्राम रोजगार सहायकों ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय स्थित हनुमान मंदिर पर धरना प्रदर्शन कर रैली निकालते हुए ज्ञापन मुख्य मंत्री और श्रम विभाग मंत्री के कलेक्टर प्रतिनिधि को सोपा,ग्राम रोजगार सहायकों का कहना है कि पंचायत स्तर पर योजनाओं की सफलता में सभी कर्मचारी और निर्वाचित जनप्रतिनिधि समान रूप से जिम्मेदार हैं,परंतु एकतरफा कार्रवाई केवल रोजगार सहायकों पर की जा रही है। इससे उन्हें मानसिक और शारीरिक शोषण झेलना पड़ रहा है। बीते तीन महीनों में 30 से अधिक सहायकों की असमय मृत्यु हो चुकी है, लेकिन विभाग और अधिकारी अब तक इसका संज्ञान नहीं ले पाए हैं।सहायकों का आरोप है कि मृत कर्मचारियों के परिजनों को न तो कोई आर्थिक सहायता मिल रही है और न ही अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जा रहा है। सागर मंथन इससे कर्मचारियों में आक्रोश है और वे इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन मान रहे हैं।संघ ने पांच प्रमुख मांगों को लेकर प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है जिसमे पंचायत सहायक सचिव पद का संविलियन कर ग्रेड पे के साथ जिला संवर्ग में शामिल किया जाए। दिवंगत साथियों के परिजनों को 5 लाख की अनुग्रह राशि और अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।पूर्व मुख्यमंत्री और हाल की घोषणाओं के अनुरूप पदनाम परिवर्तन व सेवा शर्तों की समानता सुनिश्चित की जाए।मानदेय भुगतान के लिए समयबद्ध व्यवस्था बनाई जाए। एकतरफा कार्यवाहियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।जैसी मांग शामिल की गई।

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