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मध्य प्रदेश पटवारी संघ ने अपनी विभिन्न मांगों के निराकरण को लेकर सीएम के नाम सोपा ज्ञापन

Mahendra Upadhyay
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नीमच।महेन्द्र उपाध्याय।राजस्व महाअभियान 2.0 में प्रदेश के पटवारियों के खिलाफ की गयीकार्यवाहियो को समाप्त करने एव पटवारियों की वर्षों से लंबित न्यायोचित मांगे पूर्ण करने के संबंध में सोमवार को मध्य प्रदेश पटवारी संघ जिला नीमच के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि डिफ्टी कलेक्टर प्रीति संघवी को सोपा,जिसमे बताया कि जनकल्याण हेतु प्रदेश शासन के राजस्व विभाग द्वारा चलाया गया राजस्वमहाअभियान2.0 समाप्त हो चुका है तथा इस अभियान मे प्रदेश के सभी पटवारियो ने कड़ी मेहनत कर दिन रात कार्य किया है। जिससे कारण राजस्व विभाग के नामान्तरण, बटवारे,नक्शा दुरुस्ती, अभिलेख सुधार, ईकेवाईसी के लगभग 50 लाख प्रकरण निराकृत हो गए है और आमजन को लाभ प्राप्त हुआ है। इस अभियान की सफलता में पटवारियों की मुख्य भूमिका रही है किन्तु शासन और प्रशासन के द्वारा यह समस्त कार्य करने वाले पटवारी को इसका श्रेय न देकर उसके कार्य के समीक्षा करने वाले अधिकारियों को इसका श्रेय दिया गया है।जिससे पटवारी वर्ग में आहत एवं निराशा व्याप्त है। शासन द्वारा कोई कार्य नहीं होने पर सारा दोष पटवारी को दिया जाता है किन्तु अच्छा कार्य होने पर उनकी प्रशंसा नहीं किया जाना खेदजनक एवं पटवारी के मनोबल को गिराने जैसा कार्य है।इसी क्रम में अभियान अंतर्गत कतिपय जिलो में पटवारियों पर दमनकारी नीति के तहत दंडात्मक कार्यवाही की गई है।जिसका हम सभी पुरजोर विरोध करते है तथा शासन से मांग करते है कि उक्त कार्यवाहियों को तत्काल समाप्त किया जाएं।कर्मचारी आयोग में पटवारियोंके लंबित वेतनमान का निराकरण कर वेतनमान संशोधित किया जाये तथा समयमान वेतन विसंगति दूर की जाये।प्रदेश के पटवारियों को हडताल अवधि का वेतन जारी करने संबंधित आदेश प्रसारित किए जाएं,गत 05 महीनों का वेतन भत्तों के एरियर सहित दिलाया जाय। साथ ही मुख्यमंत्री की घोषणानुसार नवोदित पटवारियों को 100 प्रतिशत वेतन दिया जाय।डीपीसी के माध्यम से उसी जिले में पटवारियों की पदोन्नति राजस्व निरीक्षक के पद पर अबिलम्ब की जाए।पटवारी संवर्ग से नायब तहसीलदार परीक्षा विभागीय आधार पर तत्काल आयोजित कराई जाए।पटवारियों को सर्व सुविधायुक्त मोबाईल दिलाया जाय,जिससे सभी पटवारी सुविधाजनक तरीके से किसान के कार्य कर सके। साथ ही लैपटाप की राशि 50000 से बढ़ाकर 75000 की जाय,जिससे निर्धारित मापदण्ड के अनुसार बचे पटवारी लैपटाप खरीद सके,95 प्रतिशत पटवारियों को आवास भत्ते के नाम पर 219.00 से 429.00 रुपये मिलते हैं। जिससे कहीं किराये का भी मकान नही मिलता और किसी के घर में रहने पर निष्पक्ष नही माना जाता।अतसर्वसुविधा युक्त पटवारी आवास सह कार्यालय निर्मित कराया जाय,जिससे पटवारी मुख्यालय में कार्यालय संचालित किया जा सके। कार्यालय बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाय कि वर्तमान परिपेक्ष्य में 1/3 महिला पटवारी हैं।प्रदेश में ई डायरी प्रारंभ की गयी है,जो पूर्णत अव्यवहारिक एवं पटवारियों के कार्य की दशा के विपरीत है,साथ ही पटवारी सारे कार्य आनलाईन करता है एवं उसकी उपस्थिति एवं समीक्षा के लिए राजस्व निरीक्षक,नायबतहसीलदार,तहसीलदार एवं उपखण्ड अधिकारी होने से ई डायरी संधारण औचित्यहीन होकर प्रासंगिकनही होने से यह व्यवस्था समाप्त कि जाए।पटवारियों को शासन द्वारा स्वीकृत स्वामित्व योजना का कार्य हेतु मानदेय तत्काल दियाजावे।प्रमुख सचिव महोदय के द्वारा पटवारियों की समस्याओं के लिए विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक हेतु जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये गये थे, किन्तु एक-दो जिलों को छोड़कर किसी जिले में यह बैठक आयोजित नही की गयी, जिसके कारण जिला अनुभाग एवं तहसील स्तर पर समयमान सहित अनेक वित्तीय समस्यायें लंबित हैं, जिससे पटवारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है,इन बैठकों कोआयोजित कर जिला स्तर की समस्यायें निराकृत की जायें।प्रदेश में गिरदावरी हेतु संचालित सहारा एप्प में कई प्रकार के तकनीकी विसंगति होने से वर्तमान में गिरदावरी कार्य नहीं हो पा रहा है जिसमे तकनीकी विसंगति जिओ फेसिंग लोकेशन आदि को समाप्त किया जाये। गत 8 वर्षो से पटवारियों के सी आर नहीं लिखे जाने से उनका समयमान वेतनमान नहीं लग पा रहा है। इसलिए सी आर की तुरंत व्यवस्था की जाए अन्यथा सी आर नहीं होने पर समयमान में सी आर की अनिवार्यता से छूट दी जाए,सीपीसीटी उत्तीर्ण सभी पटवारियों को परिवीक्षा अवधि से मुक्त कर उनके इंक्रीमेंट लगाये जाय।बाकी साथियों को एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया जाय।पटवारियों की वर्षों से लंबित उपरोक्तानुसार न्यायोचित मांगो को पूर्ण करने हेतु कई बार शासन प्रशासन को ज्ञापन प्रस्तुत कर अवगत कराया गया है।किन्तु अभी तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है।ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि पटवारियों की वर्षों से लंबित उपरोक्तानुसार न्यायोचित मांगो को तत्काल पूर्ण किया जाए अन्यथा उक्त समस्याओं के निराकरण ना होने की स्थिति में प्रदेश के सम्पूर्ण पटवारी विरोध स्वरुप दिनांक 19,20 सितम्बर 2024 को दो दिवसीय सामूहिक अवकाश पर जाने हेतु बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन की होगी।

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