जिस जमीन का केस नगर पालिका हाईकोर्ट में हारी है वह जमीन नगर पालिका की थी ही नहीं,भाजपा पार्षद दल ने मीडिया के समक्ष रखे तथ्य,कांग्रेस नेता प्रति पक्ष के आरोपो को बताया निराधार

Mahendra Upadhyay
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नीमच।महेंद्र उपाध्याय। सोमवार को कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष योगेश प्रजापति ने मीडिया के समक्ष सिंधी कॉलोनी की 120 करोड़ से अधिक की भूमि का नगर पालिका द्वारा हाई कोर्ट में केस हारने के मामले को रखा और नपा अध्यक्ष सहित भाजपा के पार्षद सभापति मनोहर मोटवानी पर केस हारने को लेकर वकील बदलने के आरोप लगाए थे उक्त आरोपो के बाद भाजपा पार्षद दल के लोक निर्माण सभापति मनोहर मोटवानी स्वास्थ्य सभापति धर्मेश पुरोहित, पार्षद योगेश कवीश्वर,पार्षद आलोक सोनी, पार्षद शशि कल्याणी एवं पार्षद अरुण प्रजापति ने उक्त मामले का खुलासा मीडिया के समक्ष तथ्यात्मक रूप से किया है। लोक निर्माण सभापति मनोहर मोटवानी ने मीडिया के समक्ष सागर मंथन को जानकारी देते हुवे बताया कि जिस जमीन का मुद्दा नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस पार्षद योगेश प्रजापति उठा रहे हैं वह जमीन नगर पालिका की नहीं होकर पुनर्वास विभाग की थी विभाजन के समय उक्त भूमि पुनर्वास विभाग द्वारा बाहर से आए सिंधी समाज के लोगों को आवंटित की गई थी वर्ष 2007 में यह भूमि मंदसौर निवासी शंकर लाल पिता प्रेमचंद को आवंटित की गई तब में स्वयं सिंधी समाज के विभिन्न पदों पर था और इस बात की रीट नगर पालिका के माध्यम से लगाई गई थी। की मंदसौर निवासी व्यक्ति को यह जमीन कैसे दी जा सकती है परंतु डबल बैच न्यायालय ने उक्त रीट को खारिज कर दिया। इसके बाद शासन ने शंकर लाल को जमीन का वेद मलिक ठहराया और सिंधी समाज के लोगों ने ही उक्त जमीन वेद मलिक शंकर लाल से खरीदी है उसमें मेरे परिवार का कोई लेना-देना नहीं है और पुनर्वास विभाग ने ही करीब 110 पट्टे सिंधी समाज को आवंटित किए हैं। जिसमें रजिस्ट्री के बाद नामांतरण की प्रकिया चल रही हैं।पांच माहपूर्व नगर पालिका इस केस को हाई कोर्ट में हार गई और पुनः अपील इसलिए नहीं की गई के यह जमीन नगर पालिका की न होकर पुनर्वास विभाग की है इसके बाद नेता प्रतिपक्ष यह आरोप भी लगा रहे हैं कि नगर पालिका और पार्षदों ने साठगांठ कर वकील बदल दिया, जबकि इस केस में शामिल पहले वाले वकील ने बोर्ड पर ही पैरवी करने से मना कर दिया, जिसको लेकर नगर पालिका द्वारा दूसरा वकील रखा गया जो पूर्व से ही नगर पालिका के कई केस लड़ता आया है और चमड़ा कारखाने की जमीन का जो मुद्दा प्रजापति उठा रहे हैं वह जमीन नगर पालिका की ही थी इसलिए वह कैसे नगर पालिका जीती है इस मामले में ओपिनियन हारे हुए वकील के अलावा अन्य वकीलों से भी लिया गया था, कांग्रेस नेता योगेश प्रजापति द्वारा मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार है और मुझे डैमेज व व्यक्तिगत रूप से हानि और मेरी छवि को धूमिल करने के लिए लगाए जा रहे हैं योगेश प्रजापति द्वारा हर बार किसी मंत्री के आगमन के पूर्व ही इस प्रकार की हरकत की जाती रही है उनके द्वारा 94 शिकायत की गई है जो बिना तथ्य की है यदि हम गलत होते तो तथ्य के साथ शिकायत की जानी चाहिए और हमारे ऊपर कार्यवाही भी होनी चाहिए हमें ईश्वर ने एक मौका दिया है जनता की सेवा का जिसे हम ईमानदारी से निभा रहे हैं और शहर हित व विकास में कार्य किया जा रहे हैं। योगेश प्रजापति द्वारा हमेशा से ही जमीनों के मामले में ही झूठी शिकायत की जा रही है जिस वार्ड के वह पार्षद है उस वार्ड में कभी भी विकास को लेकर कोई मुद्दा इनके द्वारा नहीं उठाया गया है। यदि वे विकास चाहते हैं तो उन्हें आरोप प्रत्यारोप लगाने की बजाय विकास के मुद्दे परिषद में लाने चाहिए और उन पर सभी पार्षदों की सहमति के साथ शहर विकास करना चाहिए।

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