कलश एव पोथी यात्रा से हुवा शिव पुराण का शुभारंभ,

Mahendra Upadhyay
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नीमच।महेंद्र उपाध्याय।श्री कुबरेश्वर महादेव महिला मंडल बगीचा नंबर 10 परिवार एवं समस्त भक्तगण के तत्वाधान में क्षेत्र की खुशहाली एवं सुख समृद्धि की कामना को लेकर श्री शिवपुराण कथा‌‌ का आयोजन किया जा रहा है।कथा कार्यक्रम की पावन श्रृंखला में 25 जनवरी गुरुवार सुबह 11 बजे नीमच सिटी स्थित श्री सांवरिया सेठ जी मंदिर से पूजा अर्चना व आरती के साथ मातृशक्ति द्वारा कलश अमृत जल पूजन के बाद कलश यात्रा निकाली गई।कलश यात्रा शिव कथा भक्ति पंडाल परिसर पहुंची जहां महाआरती के बाद अमृतप्रसाद वितरण किया गया।कलश यात्रा में मातृशक्ति लाल पीले परिधानों में अमृतजल कलश सिरोधार्य किए हुए पैदल चलायमान थी।कलश यात्रा में श्री शिव एवं कुबरेश्वर के विभिन्न भजन कीर्तन की स्वर लहरिया बिखर रही थी।श्री शिव कथा पाठ का शुभारंभ 25 जनवरी गुरुवार को श्री बगीचा नंबर 10 परिसर में सुबह 11 से दोपहर 4बजे तक आयोजित हुआ। श्री राम कथा के अमृत प्रवचन महाराज के श्री मुख से प्रवाहित हुई।मंदिर को लाल पीले फुल मालाओं से श्रृंगारित मंदिर भगवा ध्वजा से सजाया गय।कथा में पंडित जी ने शिव पुराण कहा कि जीवन मृत्यु का शाश्वत सत्य है।

महादेव की भक्ति हमें सदैव निरोगी रखती है।श्री विश्वनाथ का नाम लेने से पाप दूर हो जाते हैं। महादेव सरलता से सब कुछ दे देते हैं महादेव को जल को चढ़ाने से यमराज की बाधा भी जीवन में नहीं आती है। संसार में महादेव सबसे सरल देवता है। यह कम भक्ति में ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। महादेव की भक्ति प्रेम से करें तो सुख समृद्धि का फल देते हैं। यह बात पंडित प्रमोद उपाध्याय मनासा वाले ने कहीं। वे कुबरेश्वर महादेव महिला मंडल बगीचा नंबर 10 के तत्वावधान में आयोजित शिव पुराण की अमृत ज्ञान गंगा में बोल रहे थे ।उन्होंने कहा कि शिव की भक्ति ही जीवन का प्रमुख आधार है। हर हर महादेव का स्मरण करने से पाप और कष्ट मिटते हैं।शिवपुराण अमृत गंगा है इसके श्रवण करने से अनेक कष्ट दूर होते हैं। जो संसार में भक्ति पूजा पाठ आनंद के साथ जीता है मृत्यु के बाद उसे फिर आनंद ही मिलता है। शिव की भक्ति कल्याणकारी कारक है।माता पिता के चरणों में ही चारों तीर्थ होते हैं इसलिए माता-पिता की सेवा करना चाहिए।हमें किसी की निंदा नहीं करना चाहिए। नहीं किसी की निंदा सुनना चाहिए। सदैव अपने सत्कर्म करते रहना चाहिए तभी हमारा पुण्य कर्म बढ़ेगा और पुण्य कर्म बढ़ेगा तो हमारे जीवन का कल्याण होगा। लाखों रुपए के महल हो लेकिन मन में शांति नहीं हो तो सब कुछ बेकार हो जाता है।व्यक्ति को जीवन में 24 घंटे मृत्यु को सामने रखकर जीवन जीना चाहिए और सभी के साथ प्रेम से जीवन जीना चाहिए।हर कंकर में शंकर होता है कण-कण में भगवान होता है इसलिए बहन बेटी हो या भांजे भंजिया हो सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। बहन बेटी की सेवा पुण्य के योग्य होती है।

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