नीमच।महेन्द्र उपाध्याय।आराध्या वेलफेयर सोसाइटी की संयोजिका मीनू लालवानी द्वारा जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में नियम विरुद्ध जाकर गतिविधियां आयोजित की जा रही है जिसमें कन्याओं को जन्म देने वाली माता के सम्मान के नाम पर संस्था अपने 8 से 10 सदस्यों के साथ मेटरनिटी वार्ड में प्रवेश करती है और न चाहते हुए भी जच्चा बच्चा के फ़ोटो लेकर वायरल कर वाह वाही लूटी जारही है। ऐसा ही एक मामला मकर संक्रांति को लेकर किए गए आयोजन में सामने आया है जिसमें आराध्या वेलफेयर सोसाइटी संस्था की सयोजिका मीनू लालवानी द्वारा तूगनावत परिवार के सदस्यों की वैवाहिक वर्षगांठ पर उनके सहयोग से सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया और अपनी संस्था का बेनर लगाकर वाहवाही लूटी गई,इस सम्मान कार्यक्रम को संस्था द्वरा बिना परमिशन नियम विरुद्ध जाकर किया गया है,बताया जा रहा है कि संस्था ने जिला अस्पताल में कन्याओं को जन्म देने वाली माता के सम्मान के लिए अस्पताल के जिम्मेदारों से परमिशन हेतु आवेदन दिया था जो विचारा धिन है अस्पताल प्रबंधन द्वारा किसी भी प्रकार की कोई परमिशन नहीं दी गई है संस्था द्वारा परमिशन मांगे जाने पर अस्पताल प्रबंधन ने पूर्ण नियम व शर्तों के आधार पर परमिशन देने की बात कही है।परंतु अब तक कोई परमिशन उनके द्वारा नहीं दी गई है। बावजूद उसके संस्था आराध्या वेलफेयर सोसाइटी की सयोजिका मीनू लालवानी द्वारा मकर संक्रांति और लोहड़ी पर्व के अवसर पर अपनी मनमानी के चलते अस्पताल प्रबंधन के नियम विरुद्ध जाकर गतिविधि आयोजित की गई।जिसकी अस्पताल प्रबंधन को भी कोई जानकारी नहीं है।
*जिला अस्पताल के सरकारी परिसर में कार्यक्रम के लिए यह है नियम*
मिली जानकारी जे अनुसार जिला अस्पताल प्रबंधन के नियम में यह आता है कि मेटरनिटी वार्ड में पुरुषों का प्रवेश वर्जित रहेगा,किसी भी संस्था को यदि कोई भी कार्यक्रम आयोजित करना है तो वह वार्ड के अतिरिक्त अस्पताल परिसर के बाहर कार्यक्रम को आयोजित करेगी,मेटरनिटी वार्ड में संस्था की एक या दो महिला सदस्य ही जाकर अपनी गतिविधि आयोजित कर पाएगी जिसकी कोई फ़ोटो ग्राफी भी नही होगी,नव जात शिशु को गोद मे उठाना प्रतिबंधित रहेगा।वार्ड में गतिविधि आयोजन के दौरान मरीजो ओर अस्पताल स्टाफ को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो उसका भी ध्यान संस्था के सदस्यों को रखना होगा।
*जिला अस्पताल में संस्था के अनधिकृत प्रवेश पर लगनी चाहिए रोक,एक के सम्मान और एक के तिरस्कार पर आत्मग्लानि महसूस करती है माताएं*
बता दे कि आराध्या वेलफेयर सोसाइटी संस्था की सयोजिका मीनू लालवानी द्वारा विगत कई वर्षों से जिला अस्पताल में कन्याओं को जन्म देने वाली माता का सम्मान मोतियों की माला से किया जा रहा है परंतु इसी वार्ड में पुत्र को जन्म देने वाली माता का तिरस्कार किया जाता है।जिससे पुत्र को जन्म देने वाली माता को आत्मग्लानि महसूस होती है।ऐसे में जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में संस्था के अनधिकृत प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए।
*अस्पताल प्रभंधक को नही आयोजन की जानकारी*
इस संबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ महेंद्र पाटील ने बताया कि मकर संक्रांति को लेकर आराध्य वेलफेयर सोसायटी संस्था द्वारा मेटरनिटी वार्ड में किए गए कार्यक्रम की मुझे कोई जानकारी नही है, संस्था द्वारा जिला अस्पताल में कार्यक्रम को लेकर आवेदन दिया गया है अभी उन्हें परमिशन नहीं दी गई है संस्था को पूर्ण नियम और शर्तों के साथ ही परमिशन दी जाएगी।जिसमें मेटरनिटी वार्ड में पुरुषों का प्रवेश वर्जित रहेगा,ऑपरेशन से कन्या को जन्म देने वाली माताओं के लिए संस्था की केवल एक या दो महिलाए ही वार्ड में जाकर अपना कार्यक्रम करेगी जिसकी कोई फ़ोटो ग्राफी नही होगी,नवजात को गोद मे उठाने की परमिशन नही रहेगी,सामान्य डिलेवरी से कन्या को जन्मदेने वाली माताओं को संस्था वार्ड के बाहर परिसर में बुलाकर सम्मान कार्यक्रम कर सकेगी।ऐसे कई नियमो के पालन पर संस्था को परमिशन दी जाएगी।
*हमने मांगी थी परमिशन*
इस संबंध में आरध्या वेलफेयर सोसायटी की सयोजिका मीनू लालवानी से जब फोन पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने अपने पति मोमु उर्फ चंद्रप्रकाश लालवानी से बात कराई जिसपर मोमु लालवानी ने कहा कि अब तक जितनी भी माताओं के सम्मान और कार्यक्रम किए है उसकी जानकारी आपको भलीभांति है हमने परमिशन मांगी थी बाकी बात आप दुकान पर आकर करे,उसके बाद जितनी बाईट ओर जानकारी देनी होगी देंगे।