नीमच।महेन्द्र उपाध्याय। नीमच जिले में संचालित आराध्या वेलफेयर सोसाइटी की सयोजिका मीनू लालवानी व सदस्य द्वारा आए दिन विजिया राजे सिंधिया जिला चिकित्सालय में कन्याओं को जन्म देने वाली माताओ व बालिकाओं का सम्मान किया जाता है।परंतु बेटों को जन्म देने वाली माताओं से परहेज किया जाता है। जबकि किसी भी घर में बेटी या बेटे का जन्म भाग्य से होता है जब माता-पिता बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं करते तो संस्था आराध्या वेलफेयर सोसाइटी बेटा और बेटी में क्यों फर्क कर केवल कन्याओं को जन्म देने वाली माता का सम्मान करती है यह विचारणीय प्रश्न है
*सरकारी परिसर में बिना परमिशन के आयोजित होती है गतिविधियां,कभी भी हो सकती है अनहोनी*
एक जानकारी में यह भी सामने आया है कि आराध्या वेलफेयर सोसाइटी की सयोजिका मीनू लालवानी द्वारा जिला अस्पताल में जन्म देने वाली माताओ के सम्मान कार्यक्रम के लिए कोई परमिशन नहीं ली जाती है जब भी कार्यक्रम आयोजित करना होता है तब बिना परमिशन के आराध्या वेलफेयर सोसाइटी की सयोजिका मीनू लालवानी अपने 8 से 10 सदस्यों के साथ जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में जाकर कन्याओं को जन्म देने वाली माता का सम्मान मोतियों की माला से करती है इस दौरान नवजात बालिकाओं को गोद मे उठाकर फोटो ग्राफी भी की जाती है ऐसे में फोटो खिंचवाने की होड़ में कभी भी नवजात हाथ से छूट भी सकती है और कोई अनहोनी होने की पूरी संभावना बनी रहती है।इस कार्यक्रम के दौरान करीब 1 से डेढ़ घंटे तक नर्सो का काम भी प्रभावित होता है क्योंकि नवजात बालिका के जन्म के बाद माता व बालिका को टिके लगाना दवाई देना या स्वास्थ से सम्भधित अन्य देख रेख उन्हें करनी होती है।
*बेटी के जन्म पर हुवा माताओं का सम्मान,बेटों की माताओं से किया परहेज*
बता दे कि 25 दिसंबर बुधवार को आराध्या वेलफेयर सोसाइटी की सयोजिका मीनू लालवानी व उनके सदस्यों द्वारा नीमच जिला चिकित्सालय के मेटरनिटी वार्ड में जाकर कन्या को जन्म देने वाली माताओ का सम्मान किया गया परंतु बेटों को जन्म देने वाली माता से परहेज किया गया, इस मामले की पुष्टि के लिए जब जिला चिकित्सालय जाकर बेटों की माता से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि बुधवार को संस्था के सदस्य आए थे और केवल बेटियों की माता का सम्मान किया गया है संस्था से हमे किसी भी प्रकार से सम्मान नही मिला।
*माताओ के सम्मान के लिए निजी अस्पताल में नही जाती संस्था*
बता दे की नीमच जिला चिकित्सालय के अतिरिक्त नीमच शहर में और भी कई निजी अस्पताल है जहां माताएं कन्याओं को जन्म देती है परंतु वहां आराध्या वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य आज दिनांक तक कन्याओं की माता का सम्मान करने नहीं पहुंचे,यदि संस्था केवल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करती है तो उन्हें जिला अस्पताल की बजाय शहर के निजी अस्पतालों में भी जाकर इस प्रकार की गतिविधि करने में कोई हिच किचाहट नही होनी चाहिए।
*सम्मान के लिए किसी की परमिशन की नही है जरूरत*
इस संदर्भ में आराध्या वेलफेयर सोसाइटी की सयोजिका मीनू लालवानी का कहना था कि किसी के सम्मान के लिए किसी भी परमिशन की आवश्यकता नहीं होती है न्यूबॉर्न बेबी जो भी जन्म लेता है हमारा आशीर्वाद उसके साथ है परंतु विषमता व सामाजिक कुरीतियों को दूर करने बेटी के जन्म का लक्ष्य लिया है जिसके लिए परमिशन की जरूरत मैं नहीं समझती।
*बिना परमिशन गतिविधि पर लगेगी रोक*
इस संदर्भ में जब जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन महेंद्र पाटील से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उक्त संस्था आराध्या वेलफेयर सोसाइटी द्वारा जिला अस्पताल में माता के सम्मान कार्यक्रम के लिए कोई परमिशन नहीं ली गई है वह लंबे समय से यहां आकर माता का सम्मान करके चले जाते हैं। और यदि मेटरनिटी वार्ड में संस्था के सदस्यों द्वारा सम्मान के दौरान फोटोग्राफी की जाती है ऐसी स्थिति में यदि कोई अनहोनी होने की संभावना है तो इस प्रकार की गतिविधि पर रोक लगाकर गतिविधि प्रतिबंधित की जाएगी।