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नीमच के राजा श्री किलेश्वर महादेव निकले शहर भ्रमण पर, शाही सवारी में उमडा आस्था का सैलाब, जगह—जगह पुष्पवर्षा से हुवे स्वागत, शिवमय हुआ नीमच,युवा समाजसेवी अरूल अशोक अरोरा गंगानगर ने 11 हजार पार्थिव शिवलिंग निर्माण कर लघु रूद्र प्रयोग अभिभेषक से किया शाही सवारी को रवाना

Mahendra Upadhyay
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नीमच।महेन्द्र उपाध्याय। उज्जैन महांकाल की तर्ज पर सोमवार शाम करीब 5 बजे श्री किलेश्वर महादेव मंदिर परिसर से शाही सवारी लाव लश्कर के साथ शुरू हुई।आयोजक एवं युवा समाजसेवी अरूल अशोक अरोरा गंगानगर द्वारा 11 हजार पार्थिव शिवलिंग निर्माण लघु रूद्र प्रयोग अभिभेषक कर शाही सवारी को रवाना किया।फूलों से श्रृंगारित रथ में नीमच के राजा श्री किलेश्वर महादेव प्रजा का हाल जानने के लिए निकले तो आस्था का सैलाब उमडना शुरू हो गया। भोलेनाथ के जयकारों और डीजे की धुन पर शुरू हुई शाही सवारी का स्वागत करने के लिए जगह—जगह स्वागत द्वार लगाए गए थे। हर वर्ग पलक पावडे बिछाडकर शाही सवारी का स्वागत करने के लिए आतुर था स्टेशन रोड होते हुए शाही सवारी ज्ञानमंदिर के समीप श्री अग्रसेन वाटिका पहुंची,जहा प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर ने विशेष पूजा अर्चना की। विद्वान ब्राहृमण पंडित विक्रम शास्त्री सहित अन्य ब्राहृमणों द्वारा विशेष पूजा संपन्न करवाई गई। यहां से विभिन्न झांकियों का कारवां जुड गया। कोटा के स्पेशल अखाडे के हैरत अंगेज कारनामें भक्तों का मन मोह रहे थे वहीं भक्त भस्म आरती का भी आनंद ले रहे थे। महिला हो या पुरूष, युवा हो या बुर्जुग, हर वर्ग शाही सवारी में भोलेनाथ के जयकारें लगाते हुए साथ चल रहे थे फूलों से विशेष श्रृंगारित रथ पर विराजित श्री किलेश्वर महादेव भक्तों को साक्षात दर्शन देते हुवे निकले, तिलक मार्ग, घंटाघर, नयाबाजार, बारादरी, कमल चौक, फोर जीरो शाही सवारी का मार्ग शिवमय हो गया,इस दौरान श्री किलेश्वर महादेव के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड उमड रही थी।कहीं पर आतिशबाजी तो कहीं पर फूलों की बारिश की जा रही थी शाही सवारी में शामिल होने वाली झांकिया,अखाडा, डीजे साउंड सहित कई रंगारंग कार्यक्रमों की बेहतरीन प्रस्तुतियो को देखकर शिवभक्त गदगद हो गए और भोलेनाथ के जयकारें लगाने से अपने आप को रोक नहीं पाए। उज्जैन महांकाल की तर्ज पर नीमच के राजा श्री किलेश्वर महादेव की शाही सवारी में भक्ति की बौछारें और आस्था का सैलाब उमड रहा था। शाही सवारी शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई देर रात श्री किलेश्वर महादेव मंदिर परिसर पर समाप्त हुई।

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